Dec 10, 2008

क्या गूगल मैप भारत में बंद हो जायेगा ?

कुछ समय पूर्व ही भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. अवुल पकिर जेनुलाब्दीन अब्दुल कलम जी ने भी गूगल मैप के बारे में चेतावनी दी थी l लेकिन किसी ने भी उनकी बातो पर ध्यान नही दिया था l उसका असर हम सब मुंबई आतंकवादी कार्यवाही २६/११ में देख चुके है l
अब मुंबई के ही रहवासी श्री अमित करखनिस (Mr. Amit Karkhanis) पेशे से वकील ने गूगल मैप के खिलाफ कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर दी है l जिसमे गूगल मैप पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने की बात कही गई है l क्योकि गूगल मैप की सहायता से ही आतंकवादी मुंबई के हर हिस्से से वाकिफ हो चुके थे l और हमेशा से ये माना जाता रहा है की आतंकवादी संगठन नई तकनीक के उपयोग में देरी नही करते है l
अगर हम अमेरिका की बातें करे तो गूगल मैप में अमेरिका के संवेदनशील इलाको के बारे में बहुत कम या कहे तो सवेदनशील इलाको की जानकारीयो को छिपाया है l
तो अब यह प्रश्न उठता है की गूगल मैप भारत के सवेदनशील इलाको के बारे में क्यो दिखाता है ?

स्त्रोत :- EFY Times

4 टिप्पणियाँ:

bairaagi said...

लगता है तकनीक का फायदा सिर्फ आतंकवादीयो को ही क्यो आता है , हमारी सुरक्षा प्रणाली के ठेकेदार क्या अनपढ है या फिर टेक्नोफोबीआ से ग्रस्त ।

Anonymous said...

तकनीकी की दुरूपयोग हर जगह होता है लेकिन इस का मतलब यह नही कि नई तकनीकी ही बंद करदी जाए | हाँ यदि उस में सुरक्षा सम्बन्धी कोई सुराख़ है तो वो बंद करवाए जा सकतें है |

Anonymous said...

वैसे तो हर बड़े शहर गली दुकानों तक की जानकारी देने वाले नक्शे भी इंटरनेट पर है, क्या उन्हें भी प्रतिबंधित कर दिया जाएगा? गूगल अर्थ यूरोप, अमेरिका के शहर भारत से कहीं अधिक साफ दिखाता है, वहां बैन नहीं हुआ? सबसे ज़्यादा आतंकी ईमेल और सेलफोन जैसी चीज़ें प्रयोग में लाते हैं कल उनपर भी प्रतिबन्ध लग जाएगा. और लग भी गया तो विकीमैपिया है, जो किसी भी प्रोक्सी से देखा जा सकता है बिना सॉफ्टवेर के.

Anil Kumar said...

चाकु से ककडी भी काटी जाती है और गरदन भी. लेकिन गरदन कटने के डर से चाकू बिकने बंद हो जायें - यह कहाँ का न्याय है? गूगल मैप पर रोक लगाने से कुछ नहीं होने वाला - बाजार में १० रुपये में नक्शे की किताब भी मिलती है. और गूगल मैप यदि हिंदुस्तान में रोक भी दिया गया तो आतंकी पाकिस्तान से नक्शे लेकर आयेंगे.

फिर भी गूगल मैप में "जूम" स्तर घटाया जा सकता है जिससे लोग रास्ता देख पायें लेकिन इतनी सूक्ष्म चीजें नहीं जिससे आतंकियों को योजना बनाने में फायदा हो.

हमें अपना सुरक्षा तंत्र मजबूत करना चाहिये.